वित्तीय स्त्रोत

आ.वि.वि. के समर्पित सदस्यों, उनके रिश्तेदारों अथवा ईश्वरीय परिवार के भाई-बहनों अर्थात् आ.वि.वि. के अन्य सदस्यों द्वारा स्वेच्छा से अपनी क्षमता अनुसार किए गए आर्थिक सहयोग से ही आ.वि.वि. का कार्यकलाप चलता है। व्यक्तिगत रूप से इसके सदस्य अपना इनकम टैक्स भरते हैं और नियमित रूप से टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं। गीतापाठी ब्राह्मण होने के नाते ईश्वरीय सेवा के लिए जो भी धनराशि मिलती है, वह कन्याएँ-माताएँ भविष्य ईश्वरीय सेवार्थ उपयोग किए जाने के लिए अपने-2 नामों से बैंकों में निवेश करती हैं। आ.वि.वि. का अपना कोई बैंक अकाउंट नहीं है। आ.वि.वि. के सदस्य आजीविका-पूर्ति हेतु अपनी-2 रीति से काम-धंधा या नौकरी करते हुए ईश्वरीय सेवाओं से भी जुड़े हुए हैं। आ.वि.वि. व उसके सदस्य किसी गैर-सदस्य, सरकार या गैर-सरकारी निकाय/संगठन से किसी प्रकार का दान, दक्षिणा, उपहार, धन या दिखावटी सम्मान स्वीकार नहीं करते हैं। सम्बन्धित ईश्वरीय संविधान-
1. "हम अपने पैसे से अपनी राजधानी स्थापन करते हैं। हमको भीख माँगने का (हक) नहीं है। हम राजाई स्थापन करने लिए अपने (भारतीय) गवर्मेंट से ही नहीं लेते हैं तो बाहर वालों से कैसे लेंगे? इतने ढेर बच्चे बैठे हैं। जानते हैं यह सब (सन्नद्ध मिसाइलिक विनाश में) खलास हो जाना है। इसलिए अपना लगाते रहते हैं। हम अपने पैसे लगा सकते हैं फिर साहूकार से लेवें ही क्यों? बाबा (के) पास जमा करते हैं। बाबा भी मदद करते हैं। (ढेर) इनकम टैक्स आदि की तो बात ही नहीं।" (रात्रि मुरली तारीख - 14.6.68, पृ.1 मध्‍य)
2. "बच्चों से यह प्रश्न भी पूछते हैं कि खर्चा कैसे चलता है? परन्तु ऐसा कोई समाचार देते नहीं कि हम यह रेसपांड करते हैं। ... राजाई भी श्रीमत पर हम स्थापन कर रहे हैं, अपने लिए। राज्य भी हम करेंगे। राजयोग हम सीखते हैं तो खर्चा भी हम करेंगे। शिवबाबा तो अविनाशी ज्ञान-रत्नों का दान देते हैं। जिससे हम राजाओं के राजा बनते हैं। बच्चे जो पढ़ेंगे वही खर्चा करेंगे ना। समझाना चाहिए हम अपना खर्चा करते हैं। हम कोई भीख वा डोनेशन नहीं लेते हैं; परन्तु बच्चे लिख देते हैं कि यह-2 पूछते हैं। इसलिए बाबा ने कहा था- जो-2 सारे दिन में सर्विस करते हो वह शाम को सारा पोतामेल बताना चाहिए।" (मुरली तारीख - 22.5.85 पृ.2 आदि)
आ.वि.वि. आर्थिक लाभ कमाने के उद्देश्य से कोई भी कार्य या व्यापार नहीं करता; परंतु उनकी सेवा विश्व-कल्याण के उद्देश्य के लिए है।


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