डिप्रेशन से राहत

आज दुनिया की अधिकतर आबादी मेण्टल टेन्शन की बीमारी से ग्रसित है। जिसका इलाज किसी मनुष्य के पास नहीं है। कुछ शताब्दी पूर्व भी आत्मा की स्मृति मनुष्यों को थी; इसलिए आत्मा की स्मृति में मातायें बिन्दी और भाई लोग तिलक लगाते थे । फिर आज विदेशी संस्कृति के मानसिक दास होने के कारण आज हम उस स्मृति को भूल गए हैं और यही कारण बन गया है अशांति का; इसलिए सिर्फ अपने को आत्मा समझना है । आत्मा समझने से ही हमारे अंदर शक्ति आती है। आत्मिक चिन्तन में जितना हम रहेंगे, उतना हमारी प्रकृति, हमारे स्वभाव-संस्कार स्वत: ही सात्विक बन जाएँगे।

अपना दृष्टिकोण बदलें

सबसे बड़ी बीमारी है - चिंता । चिंता में बीमारी की दवाई डॉक्टर्स के पास भी नहीं है। (अ.वा.ता. 13.1.86 पृ.152 अंत)
जहाँ चिंता है वहाँ शुभचिंतन नहीं और जहाँ शुभचिंतन है वहाँ चिंता नहीं।
(अ.वा.ता. 25.12.89 पृ.102 आदि)
शुभचिंतन में रहने वाले को कभी चिंता नहीं होती।
(अ.वा.ता. 25.12.89 पृ.102 आदि)
साइलेन्स की शक्ति अनेक प्रकार के मानसिक रोग सहज समाप्त कर सकती है।
(अ.वा.ता. 13.11.81 पृ.138 आदि)
साइलेन्स की शक्ति व्यर्थ संकल्पों की हलचल को समाप्त कर सकती है।
(अ.वा.ता. 13.11.81 पृ.138 आदि)
अटेन्शन सर्व प्रकार के टेन्शन को उड़ा देता है।
(अ.वा.ता. 27.02.85 पृ.202 अंत)

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